- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- गंगा नदी या किसी पवित्र नदी के किनारे जाएं।
- गंगा नदी में डुबकी लगाएं और मां गंगा का ध्यान करें।
- गंगाजल से भरा एक कलश स्थापित करें।
- कलश में फल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- गंगा स्तोत्र या गंगा चालीसा का पाठ करें।
- मां गंगा की आरती करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
गंगा दशहरा, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो हर साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है और इस दिन गंगा नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। तो, दोस्तों, अगर आप यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि 2022 में गंगा दशहरा कब था, तो चलिए जानते हैं!
गंगा दशहरा 2022: तिथि और समय
2022 में, गंगा दशहरा 9 जून, गुरुवार को मनाया गया था। दशमी तिथि 8 जून को सुबह 8:23 बजे शुरू हुई और 9 जून को सुबह 7:25 बजे समाप्त हुई। चूंकि दशहरा तिथि 9 जून को सूर्योदय के समय थी, इसलिए इसी दिन गंगा दशहरा मनाया गया। इस दिन, भक्तों ने गंगा नदी में स्नान किया और दान-पुण्य किया। गंगा दशहरा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह ज्येष्ठ महीने में आता है, जो हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है।
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। यह त्योहार मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की याद में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके परिणामस्वरूप मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आईं। गंगा नदी को भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है, और इसमें स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा दशहरा के दिन, भक्त गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं, पूजा करते हैं और दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
गंगा दशहरा के दिन, गंगा नदी के किनारे विशेष मेले और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। भक्त गंगा आरती में भाग लेते हैं और मां गंगा की स्तुति करते हैं। इस दिन, दान-पुण्य करना भी बहुत शुभ माना जाता है। लोग गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन दान करते हैं। गंगा दशहरा एक ऐसा त्योहार है जो हमें मां गंगा के महत्व और उनकी पवित्रता की याद दिलाता है। यह हमें अपने पापों से मुक्ति पाने और धार्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। तो, दोस्तों, गंगा दशहरा के इस पावन अवसर पर, गंगा नदी में स्नान करें और मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
गंगा दशहरा से जुड़ी कथा
गंगा दशहरा की कथा राजा भगीरथ और मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण से जुड़ी है। प्राचीन काल में, राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को कपिल मुनि ने श्राप देकर भस्म कर दिया था। उनकी आत्माओं को मुक्ति दिलाने के लिए, राजा सगर के वंशज भगीरथ ने कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर, मां गंगा पृथ्वी पर आने के लिए तैयार हो गईं।
लेकिन, गंगा का वेग इतना अधिक था कि पृथ्वी उसे सहन नहीं कर पाती। इसलिए, भगीरथ ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे गंगा को अपनी जटाओं में धारण करें। भगवान शिव ने भगीरथ की प्रार्थना स्वीकार की और गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर लिया। इसके बाद, गंगा को धीरे-धीरे पृथ्वी पर छोड़ा गया। जिस दिन गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं, वह दिन ज्येष्ठ शुक्ल दशमी का था। इसलिए, इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
गंगा दशहरा: पूजा विधि
गंगा दशहरा के दिन, भक्त गंगा नदी में स्नान करते हैं और मां गंगा की पूजा करते हैं। पूजा विधि इस प्रकार है:
गंगा दशहरा के दिन, इन सरल उपायों का पालन करके आप मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख और समृद्धि ला सकते हैं।
गंगा दशहरा: 2023
दोस्तों, अब जब हमने जान लिया कि 2022 में गंगा दशहरा कब था, तो चलिए एक नजर डालते हैं कि 2023 में यह कब मनाया जाएगा। 2023 में, गंगा दशहरा 30 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह दिन भी मां गंगा के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा, और वे इस दिन गंगा नदी में स्नान करके और पूजा करके मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। तो, 2023 में गंगा दशहरा के लिए तैयार रहें और इस पावन त्योहार को पूरे उत्साह और भक्ति के साथ मनाएं!
गंगा दशहरा: महत्व और आधुनिक प्रासंगिकता
गंगा दशहरा का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक अवसर है। गंगा नदी भारत की जीवन रेखा है, और इसका संरक्षण करना हम सभी का कर्तव्य है। गंगा दशहरा के दिन, हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम गंगा नदी को स्वच्छ रखेंगे और इसे प्रदूषित नहीं करेंगे। हमें जल संरक्षण के महत्व को समझना चाहिए और पानी का सदुपयोग करना चाहिए।
गंगा दशहरा और पर्यावरण
गंगा दशहरा के दिन, कई लोग गंगा नदी के किनारे पौधे लगाते हैं और सफाई अभियान चलाते हैं। यह एक बहुत ही सराहनीय कार्य है, और हमें इसका समर्थन करना चाहिए। हमें अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए भी प्रयास करना चाहिए। गंगा दशहरा हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने पर्यावरण का सम्मान करना चाहिए और इसे सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
गंगा दशहरा एक ऐसा त्योहार है जो हमें धर्म, संस्कृति और पर्यावरण के महत्व को समझाता है। यह हमें एक बेहतर इंसान बनने और अपने समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है। तो, दोस्तों, गंगा दशहरा के इस पावन अवसर पर, आइए हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपने जीवन में धर्म, संस्कृति और पर्यावरण का सम्मान करेंगे और एक बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगे।
निष्कर्ष
दोस्तों, इस लेख में हमने जाना कि 2022 में गंगा दशहरा कब था और इसका क्या महत्व है। हमने गंगा दशहरा से जुड़ी कथा और पूजा विधि के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। गंगा दशहरा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हमें मां गंगा के महत्व और उनकी पवित्रता की याद दिलाता है। यह हमें अपने पापों से मुक्ति पाने और धार्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। तो, दोस्तों, गंगा दशहरा के इस पावन अवसर पर, गंगा नदी में स्नान करें और मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करें। और हां, 2023 में गंगा दशहरा 30 मई को है, तो उस दिन के लिए भी तैयार रहें! गंगा मैया की जय!
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